केजीएमयू ने सस्ती दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए उठाया कड़ा कदम,15 फार्मासिस्टों को भेजा एचआरएफ

Jan 20 2023

केजीएमयू ने सस्ती दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए उठाया कड़ा कदम,15 फार्मासिस्टों को भेजा एचआरएफ

लखनऊ। सस्ती दवाओं की कालाबाजारी रोकने की दिशा में केजीएमयू प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के मेडिकल स्टोर में नियमित फार्मासिस्टों की तैनाती का आदेश जारी कर दिया है। वर्षों से एक पटल पर जमे 15 फार्मासिस्टों को एचआरएफ के मेडिकल स्टोर पर भेजा गया है। इन पर दवाओं के रख-रखाव से लेकर दूसरी जिम्मेदारी होगी। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर इनकी जिम्मेदार तय होगी।
केजीएमयू में 15 एचआरएफ के मेडिकल स्टोर हैं। इनमें 30 से 70 फीसदी कम कीमत पर मरीजों को दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। रोजाना ओपीडी में पांच से छह हजार मरीज आ रहे हैं। जबकि यहां पर 4500 बेड हैं। सभी बेड भरे रहते हैं। इन काउंटर पर भर्ती व ओपीडी मरीजों को सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। ज्यादातर दवा काउंटर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे संचालित हो रहे थे। नतीजतन बड़ी संख्या में मरीजों की दवाओं की कालाबाजारी हो रही थी। बीते वर्ष एसटीएफ ने दवाओं की कालाबाजारी का भंडाफोड़ किया था। इसमें आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी पकड़ा गया था। जांच के बाद 10 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया।
अब केजीएमयू प्रशासन ने एचआरएफ काउंटर पर नियमित फार्मासिस्टों की तैनाती का फैसला किया। कुलसचिव रेखा एस चौहान ने पांच से सात साल से एक काउंटर पर जमे फार्मासिस्टों को एचआरएफ भेज दिया है। यह पहला मौका है जब फार्मासिस्टों के पटल परिवर्तन आदेश में पूर्व में तैनाती का स्थान व वर्ष का भी जिक्र किया गया है।